Winter Season में अपनी सेहत पर रखे ध्यान 10 भोजन, स्मारकीयता मजबूत होगी, उपभोक्ता वायु का प्रभाव भी कम होगा
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Winter Season पर्यावरण में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक हो गया है. यूरोप और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को इस समय अपने विचारों में कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए जो फेफड़ों को मजबूत करते हैं और दिल्ली में प्रदूषण से लड़ने में मदद करते हैं।
Winter Season Pollution
दुनिया के सबसे मशहूर शहर दिल्ली में रहने वाले लोगों के लिए इन दिनों सांस लेना मुश्किल हो गया है। दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 450 से ऊपर बना हुआ है. सोमवार सुबह AQI 616 दर्ज किया गया जो बेहद खतरनाक माना जाता है. दिल्ली के ‘गैस चैंबर’ बनने को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में कहा है कि दिल्ली में प्रदूषण तय प्रदूषण मानकों से 100 गुना ज्यादा हो गया है. प्रदूषण को कम करने के लिए ऐसे वातावरण में रहने वाले लोगों को कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ खाने चाहिए जो हवा के समग्र प्रभाव को कम करते हैं।
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Winter Season Food For Good Health
आज हम आपको 10 ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं जिनके नियमित सेवन से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी और आप सर्दी-खांसी से बचे रहेंगे।
टमाटर- टमाटर में लाइकोपीन नामक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है. लाइकोपीन हमारे श्वसन तंत्र के लिए एक सुरक्षात्मक परत के रूप में काम करता है और हवा में मौजूद धूल के कणों से श्वसन तंत्र की रक्षा करता है।
आंवला- कई अध्ययनों में देखा गया है कि आंवला खाने से लिवर पर धूल के कणों का बुरा असर खत्म हो जाता है. हवा में मौजूद धूल के कण लीवर को नुकसान पहुंचाते हैं और आंवले का सेवन उस नुकसान को रोकता है।
हल्दी- हल्दी एक बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट है जो फेफड़ों को हवा में मौजूद जहरीले धूल कणों से बचाती है। यह लीवर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है और उसे स्वस्थ बनाता है। अस्थमा में हल्दी, गुड़ और घी का मिश्रण खाना बहुत कारगर माना जाता है।
तुलसी- तुलसी फेफड़ों को वायु प्रदूषण के बुरे प्रभाव से बचाती है. इसके अलावा तुलसी का पौधा हवा में मौजूद धूल के कणों को सोखकर हवा को शुद्ध करता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, रोजाना 10-15 मिलीलीटर तुलसी का रस पीने से श्वसन तंत्र से प्रदूषित कण खत्म हो जाते हैं।
खट्टे फल- संतरा, अमरूद, कीवी, अंगूर, नींबू जैसे खट्टे फल विटामिन सी से भरपूर होते हैं। इन फलों के नियमित सेवन से प्रदूषण के बुरे प्रभाव खत्म हो जाते हैं और फेफड़े मजबूत होते हैं।
गुड़- स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, गुड़ का सेवन अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी सांस संबंधी कई समस्याओं में काफी असरदार होता है. तिल के साथ गुड़ का सेवन बहुत फायदेमंद साबित होता है। आप चाहें तो गुड़ और तिल को मिलाकर लड्डू बनाएं और नियमित रूप से इसका सेवन करें।
ग्रीन टी- एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ग्रीन टी पीने से शरीर से सारी गंदगी बाहर निकल जाती है. प्रदूषण के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए दिन में दो कप ग्रीन टी का सेवन करें। अखरोट- अखरोट ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होता है, जिसका नियमित सेवन आपको अस्थमा से बचाता है। रोजाना अखरोट खाने से आप सांस संबंधी कई बीमारियों से बचे रहते हैं।
चुकंदर- चुकंदर में नाइट्रेट यौगिक होते हैं जो फेफड़ों को ठीक से काम करने में मदद करते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, नाइट्रेट रक्त वाहिकाओं को आराम देता है, रक्तचाप को कम करता है और शरीर में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखता है। चुकंदर में मैग्नीशियम. इसमें पोटेशियम और विटामिन सी होता है जो फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
लहसुन- लहसुन खाने से शरीर में इंफेक्शन और जलन नहीं होती है. इसमें एलिसिन पाया जाता है जो हमें अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस संबंधी बीमारियों से बचाता है। लाइव टीवी
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