Aditya L1 ISRO Sun Mission | अब इसरो की टीम सूर्य के लगयागी छलांग ,जानिए कितने करीब जाएगी
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इसरो का एक और उद्देश्य पूर्ण लक्ष्य जिस पर आदित्य L1 मिशन का प्रयोग करके सूर्य का अध्ययन किया जाएगा वह सूर्य की कक्षा पर चारों ओर घूमकर उनकी अंदर जो प्रतिक्रियाएं होती है उसका अध्ययन करेगा वह विभिन्न तरंगों को विंडो में पद्मन तरंगों के विंडो में प्रकाश मंडल क्रोमोस्फीयर और सूर्य के सभी बाहरी पर और दो जिसे कोरोनावायरस जाता है उसका निरीक्षण किया जाएगा उसके लिए और वह साथ अपलोड लेकर जाएगा अपने साथ जड़ों के मुताबिक आदित्य एल्बम एक नेशनल इंस्टिट्यूशन की भागीदारी करने वाला पूर्ण तरह से स्वदेशी प्रयास है
जैसा कि आप सभी जानते कि chandrayaan-3 जो कि भारत ने बहुत ही सुंदरता से निभाया और उसे एक अच्छे लक्ष्य पर पहुंचाया अब उसके बाद भारत सूर्य की तरफ अग्रसर हो गया है अब वह पृथ्वी के कक्षा मंडल से भारत अपना एक सेटेलाइट आदित्य L1 उसे वह सूर्य की कक्षा में ले जाकर वहां पर उनके सूर्य के कक्षा मंडल पर जो व प्रभाव पड़ता है उसका अध्ययन करके हमें नई-नई जानकारी देगा यह एक बहुत ही महत्व कांशी परियोजना की तरह है यह बताया जा रहा है कि इसरो 2 सितंबर को अपना सूर्य मिशन सन मिशन लॉन्च करेगा और सूर्य की स्टडी के लिए भारत का यह प्रथम मिशन है
आदित्य L1 परिजनों को पूरी उम्मीद है कि वह सूर्य के टेंपरेचर और अल्ट्रावायलेट किरणों जो कि धरती में पढ़ती है और खासकर ओजोन परत पर जो प्रभाव डालती है उस पर अध्ययन करेगा और अंतरिक्ष में जो मौसम होता है उसकी गतिशीलता के बारे में स्टडी करेगा आदित्य L1 कोर्स बेंगलुरु के मुख्य स्थित मुख्यालय से ही लांच किया जाएगा अंतरिक्ष में आदित्य L1 जिस स्थान पर जाएगा वह पृथ्वी के कक्ष से 1500000 किलोमीटर की दूरी पर होगा
पृथ्वी से सूर्य की दूरी लगभग 15 डेढ़ सौ मिलियन लाख किलोमीटर दूर है आदित्य L1 मिशन जिसका उद्देश्य जिसका कार्य सूर्य के चारों ओर के घूम कर स्टडी करना अध्ययन करना है और अलग-अलग प्रकार की तरंगों के किरणों में प्रकाश मंडल पर जो क्रोमोस्फीयर है और सूर्य के जो बाहर परबैगनी पर्त और ओज़ोन पर का निरीक्षण करके उसके साथ-साथ पर लोड लेकर जाएंगे आदित्य L1 ISRO के मुताबिक या एक बहुत ही हाथ व कांशी परियोजना है और भारत की स्वदेशी प्रयास है जिस पर भारत ने अपना एक बड़ा योगदान दिया है
इससे पहले कौन कौन गया सन मिशन पर?
भारत से पहले सूरज पर अब तक 22 मिशन हो चुके हैं और इन मिशन में को पूरा करने वाले देशों में अमेरिका जर्मनी यूरोपीय यूनियन की एजेंसी या शामिल है जिसमें सबसे ज्यादा सूर्य परमिशन भेजने वाले नासा अमेरिकी एजेंसी है और नासा के बाद यूरोपीय एजेंसी ने भी सूरज पर अपना सेटेलाइट भेजा था नासा ने अकेले 14 मिशन सूर्य पर ही भेजे हैं नासा का अभी एक वर्तमान में पार्कर सोलर प्रोब करके मिशन लॉन्च किया है इसका मकसद था कि सूरज के चारों ओर चक्कर लगाकर सूर्यमंडल पर है जो हवाएं चलती है उसका सैंपल देना
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